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०० राजनाथ सिंह के बयान पर कांग्रेस का पलटवार 

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह की कथनी और करनी का अंतर कल उजागर हो गया जब उन्होंने मरवाही में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से अपना मित्र घोषित किया। राजनाथ सिंह ने यह भी प्रमाणित कर दिया समीरा पैकरा और संतराम नेताम जो भाजपा के हैं जो जोगी और अमित जोगी के जाति के मामले में न्यायालय लड़ाई लड़ रहे हैं, इस न्यायालय लड़ाई से भी राजनाथ सिंह और भाजपा को कोई सरोकार नहीं है।

कांग्रेस ने कहा है कि राजनाथ सिंह द्वारा अजीत जोगी को अपना मित्र बताने से यह भी उजागर हो गया है कि झीरम घाटी में जो कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला हुआ था उसमें भी इन मित्रों की सांठगांठ थी। इसी मित्रता के कारण साजिशे हुई  और इसी मित्रता के कारण शहीदों के परिजनों से मिलना तक राजनाथ सिंह ने आज तक उचित नहीं समझा। इसी मित्रता के कारण अंतागढ़ की विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को ना केवल बेचा गया बल्कि उस दौरान निर्दलीय प्रत्याशियों को भी बैठाने के लिए पुलिसिया दमन का जो सहारा लिया गया। कांग्रेस ने कहा है कि यही दोस्ती पूरे छत्तीसगढ़ के लिये दुख का कारण झीरम और अंतागढ़ जैसी घटनाओं का कारण बनी। कांग्रेस ने कहा है कि जनता अब बहुजन समाज पार्टी जोगी कांग्रेस और भाजपा के आंतरिक गठबंधन को समझ चुकी है और राज्य के हित के लिए ऐसे नापाक षड्यंत्रकारी गठबंधन से अपने को दूर रखेगी छुटकारा पा लेगी और अच्छी मजबूत कांग्रेस की सरकार बना राज्य के साथ न्याय करेगी और अपने हितों और हकों के साथ न्याय करेगी। कांग्रेस ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद आज तक जोगी के जाति के मामले में राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति का प्रतिवेदन रोका जाना और न्यायालय में प्रस्तुत कर वापस लिया जाना इसी मित्रता के कारण हो रहा है। कांग्रेस ने राजनाथ से पूछा कि उन्होने छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नरसंहार झीरम की सीबीआई जांच से इंकार क्यों किया? राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह ने झीरम में शहीद परिवारों को साढे 4 साल तक मिलने का समय क्यों नहीं दिया? राजनाथ सिंह के कांग्रेस के घोषणा पत्र पर कही गई बातों पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है वादाखिलाफी करने वाले लोग दूसरे के घोषणापत्र पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रखते। राजनाथ सिंह छत्तीसगढ़ और देश की जनता से 2003 और 2014 में जो वादे किए थे उसमें कितने वादे पूरे किए हैं पहले जनता को बताएं, उसके बाद कांग्रेस के घोषणा पत्र पर सवाल खड़े करें। राजनाथ सिंह और रमन सिंह एक-एक दाना धान क्यों नहीं खरीदे? 5 साल तक 300 रू. बोनस क्यों नहीं दिया? 2 करोड़ रोजगार युवाओं को हर साल क्यों नहीं मिले? स्वामीनाथन कमेटी के रिपोर्ट के अनुरूप सिफारिशें कहां है? महिला आरक्षण बिल क्या हुआ? मजबूत लोकपाल क्या हुआ? हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए आने का क्या हुआ? विदेश से काला धन वापस क्यों नहीं आया? कांग्रेस के घोषणा पत्र पर सवाल उठाने के पहले राजनाथ सिंह को जनता के इन सवालों का जवाब देना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा यह कहना कि सिर्फ छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में माओवाद बचा है वह यह गलत बयानी कर गए जबकि झारखंड, उड़ीसा, तेलंगाना के अनेक जिले अभी भी नक्सल समस्या से ग्रस्त हैं। देश में अभी 7 जिले माओवाद से प्रभावित हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सिर्फ छत्तीसगढ़ के 14 जिले प्रभावित केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा सिर्फ फोटो के लिए की गई गलत बयानी की कांग्रेस कड़ी निंदा करती हैं।

 

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