00 कैबिनेट ने रिपोर्ट को किया निरस्त, नई कमेटी पुन: करेगी दौरा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में तात्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी पर एक 11 सदस्यीय कमेटी बनाई थी और उसे देश के अनेक राज्यों का अध्ययन कर प्रदेश में शराबबंदी की नीति तैयार करने गठित कमेटी में विभाग के सचिव, सांसद दिनेश कश्यप, सांसद कमला देवी पाटले, विधायक अशोक साहू, विधायक रोहित कुमार साय, सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री फूलबासन बाई, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा विभा राव, सीए दीपक बत्रा, डॉक्टर शशांक गुप्ता, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी और आबकारी विभाग के विशेष सचिव शामिल थे। इसके साथ ही बैठक में अनुपूरक बजट पेश करने के लिए विनियोग अधिनियम 2018 का अनुमोदन किया गया।
कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार सम्मेलन में कहा कि उपरोक्त टीम ने जो अनुशंसा रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी है। उसमें प्रदेश में जांच चौंकी, अनुसंधान केन्द्र की स्थापना, जागरूकता कार्यक्रम समन्वय विंग, उत्पाद शुल्क अपराध ब्यूरो, आबकारी के लिए कुल स्थापना, फुटकर मदिरा दुकानों से ब्राण्ड के विक्रय की व्यवस्था, नियमित ब्राण्ड और नियमित आंतरिक ब्राण्ड कर आवश्यकता पर आधारित रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कमेटी ने मोटे तौर पर दुकानों की संख्या बढ़ाने, देशी शराब दुकानों को बंद कर अंग्रेजी शराब की विभिन्न ब्राण्डों के व्यापार करने और प्रदेश में ही शराब बनाने जैसी सुझावों को सरकार को सौंपा है। इसे मौजूदा कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अस्वीकृत कर नई कमेटी का गठन करने और नई कमेटी से प्रस्ताव आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों और शिक्षाकर्मियों की मांगों को ध्यान में रखकर अनुपूरक बजट का आकार काफी बड़ा कर दिया है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुरूप शिक्षाकर्मियों की विभिन्न मांगों को पूरा करने का निर्णय लिया जा सकता है। सरकार ने प्रदेश में प्रदेश की पांचवी विधानसभा के प्रथम सत्र माह जनवरी-2019 के लिए राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन करते हुए कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग का नाम कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किये जाने के लिए बैठक में विधानसभा के आगामी सत्र में शासकीय संकल्प लाने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया। वर्तमान में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में उर्पाजन केन्द्रों में 75 लाख मीटरिक टन धान की आवक का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बढ़ाकर 85 लाख मीटरिक टन का अनुमानित लक्ष्य तय किया गया। राज्य सरकार ने किसानों की कर्ज माफी और धान की कीमत प्रति क्विंटल 2500 रुपए करने का जो निर्णय लिया है, उसे देखते हुए सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में धान की आवक बढऩे की संभावना है। इसे ध्यान में रखकर अनुमानित लक्ष्य को बढ़ाया गया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को अतिरिक्त साख सीमा शासकीय प्रत्याभूति पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में आर्थिक अनियमिता की उच्च स्तरीय जांच के लिए विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) के गठन का निर्णय लिया गया। यह टीम आई.जी. स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी। मंत्रिपरिषद ने शराबबंदी के बारे में वाणिज्यिक-कर (आबकारी) विभाग के तत्कालीन 11 सदस्यीय अध्ययन दल की रिपोर्ट को अव्यावहारिक मानते हुए खारिज करने और नया अध्ययन दल गठित करने का भी निर्णय लिया। नवीन अध्ययन दल के द्वारा राज्य सरकार को दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट दी जाएगी।