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०० मोबाईल ऐप से भी दिए जा सकते है आवेदन
०० क्वांटीफायबल डाटा आयोग की विभिन्न वर्गाें के संगठनों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित
बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें का सर्वेक्षण हेतु आॅनलाईन पंजीयन एवं डाटा संग्रहण तथा सत्यापन का कार्य विगत 1 सितम्बर 2021 से किया जा रहा है। यह कार्य 12 अक्टूबर तक जारी रहेगा। सर्वेक्षण कर क्वांटीफायबल डाटा एकत्रित करने हेतु गठित आयोग द्वारा आज बिलासपुर संभाग मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें सर्वेक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कर उनके सुझाव भी लिए।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा 4 सितम्बर 2019 को अध्यादेश के माध्यम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया। उच्च न्यायालय द्वारा इन प्रावधानों के क्रियान्वयन पर स्थगन देते हुए राज्य शासन को क्वांटीफायबल डाटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। इस तारतम्य में क्वांटीफायबल डाटा आयोग का गठन किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्गाें एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें का सर्वेक्षण कर क्वांटीफायबल डाटा एकत्रित करने के लिए पोर्टल ूूूण्बहुकबण्पद मोबाईल ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से लोग घर बैठे आवेदन देकर सर्वेक्षण में शामिल हो सकते है।
सिंचाई विभाग के प्रार्थना सभाकक्ष में आयोजित बैठक में आयोग के अध्यक्ष श्री छबिलाल पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनसंख्या में इन वर्गाें का सही डाटा शासन को उपलब्ध करा सके यह आयोग का उद्देश्य है। ऐप के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों को खाद्य विभाग के राशनकार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन किया जाएगा। आयोग के सचिव श्री बीसी साहू ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें के मापदंड हेतु भारत सरकार द्वारा 31 जनवरी 2019 को जारी परिपत्र के अनुसार दिए गए प्रावधानों के अनुरूप आवेदक के डाटा का पंजीयन किया जाएगा। किसी भी परिवार का वार्षिक आय 8 लाख रू. से कम हो तो उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जाएगा परंतु उसके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्र में 900 वर्गफुट से कम का आवासीय भूखंड अथवा 1000 वर्गफुट से कम का फ्लैट धारित करता हो। इस निर्धारित मापदंड से  अधिक क्षेत्रफल होने से आर्थिक रूप से कमजोर नहीं माना जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में 5 एकड़ से कम कृषि भूमि तथा 2000 वर्गफुट से कम क्षेत्र का मकान तथा आवासीय भूखंड पाए जाने पर ही आर्थिक रूप से कमजोर माना जाएगा। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत छ.ग. शासन अनुसूचित तथा जनजाति विभाग द्वारा 10 अगस्त 2020 को जारी पात्रता अनुसार घोषित 95 जातियां शामिल होंगे। इसमें मुस्लिम धर्मावलंबी के अंतर्गत कुछ जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण ईकाई ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्र में वार्ड को निर्धारित किया गया है। आवेदन मोबाईल ऐप के अलावा लोक सेवा केंद्र, च्वाईस सेंटर या ग्राम पंचायतों में जमा करा सकते है।
बैठक मंे उपस्थित विभिन्न पिछड़ा वर्ग समाज के प्रतिनिधियों श्री भुवनेश्वर यादव, श्री बद्री जायसवाल, श्री श्याम मूरत कौशिक, श्री कृष्ण कुमार यादव, श्री ईश्वर देवांगन, श्री कृष्ण कुमार साहू सहित अन्य समाजों के प्रतिनिधियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव आयोग को दिए।