०० स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में नहीं हुई है नोडल अधिकारी की पदस्थापना, बावजूद हो रहा है नर्सिंग होम की जांच व वसूली
०० शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम उड़ा रहे है नर्सिंग होम एक्ट की धज्जियाँ
०० झोलाछाप डॉक्टर द्वारा कोरोना ईलाज किये जाने पर सीधे ऍफ़आईआर करने का है आदेश
बिलासपुर| राष्ट्रीय आपदा घोषित कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पुरे प्रदेशभर में पूरी संजीगदी से कार्य कर रही है लेकिन इस संक्रमण की रोकथाम की आड़ में जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निजी नर्सिंग होम एक्ट में बिना नोडल अधिकारी की नियुक्ति किये बिना ही नर्सिंग होम संचालको को कार्यवाही व सीलबंदी का भय दिखाकर भारी लेनदेन कर मामले को रफादफा किये जाने का कार्य किया जा रहा है वही बिना डिग्री व मापदंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में धडल्ले से संचालित झोलाछाप व बंगाली दवाखाना धड़ल्ले से जारी हैं जिसके खिलाफ कार्यवाही करने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उदासीनता बरत रहे है|
स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए नर्सिंग एक्ट अधिनियम की अवहेलना कर निजी नर्सिंग होम संचालक हॉस्पिटल खोलकर इलाज करते पाए जाते है तो नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की आदेश दिए गए हैं वही समय समय पर सीएमएचओ बिलासपुर द्वारा इस बात को सख्ती से पालन करने स्वास्थ्य अमले के द्वारा मीडिया के माध्यम से अवगत कराया जाता हैं जिसके बावजूद बिना डिग्री और मापदंड के शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रो में झोलाछाप व बंगाली दवाखाना धड़ल्ले से जारी हैं| मस्तुरी ब्लॉक के अंतर्गत मस्तुरी में झोलाछाप व बंगाली दवाखाना 5 से 8 की संख्या में संचालित है इसी तरह दर्रीघाट व आसपास, सीपत, जयरामनगर में भी दो से 3 दवाखाना बगैर डिग्री और मापदंड के संचालित हो रहे हैं| इन सभी दवाखानो में डिग्री सम्बन्धी किसी भी तरह का ना ही बोर्ड होता हैं और ना ही कोई नियम कायदे कानून होते हैं, जो पहले चांदसी दवाखाना, बंगाली दवाखाना के नाम से विख्यात हैं, पर अभी प्राकृतिक चिकित्सक और आयुर्वेदिक परामर्श के नाम से दवाखाना संचालित कर रहे हैं जो क्रमश: मलिक, दास, सरकार और कई सरनेम लगाकर अपनी-अपनी दुकानदारी संचालित कर रहे हैं।
सीएमएचओ कार्यालय में आखिरकार किस पद पर है विजय सिंह :- बिलासपुर सीएमएचओ कार्यालय द्वारा समय समय पर शहर के निजी नर्सिंग होम में अनायास ही नर्सिंग होम एक्ट का हवाला देकर कार्यालय के विजय सिंह द्वारा जांच की जाति है व संचालक को एक्ट का पालन नहीं होने का हवाला देकर नर्सिंग होम को सीलबंद करने की धमकी देकर संचालक से मोटी रकम ली जाति है जिसके बाद सीलबंद नर्सिंग होम को पुन: खोल दिया जाता है| सूत्रों की माने तो सीएमएचओ कार्यालय में सीएमएचओ द्वारा नेत्र रोग विशेषज्ञ विजय सिंह को निजी रूप से अपने अधीन कार्य लिया जा रहा है जिनका कार्य मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारों का हवाला देकर मोटो रकम की वसूली करना है| सीएमएचओ के से भी बड़ा पद में रहने वाला विजय सिंह आखिर हैं कौन जो, नर्सिग एक्ट के उलंघन करने वाले दवाखाना वालो का हॉस्पिटल सील कर देता हैं, फिर वसूल कर दवाखाना खोल देता हैं? यह लोगो के समझ से परे नज़र आ रहा है क्योकि स्वास्थ्य विभाग के पूर्व नोडल अधिकारी रहे डॉ जायसवाल के सेवानिवृत्ति पश्चात् आज तक नोडल अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गयी है|